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पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध 100, 250 और 500 शब्दों में | Paryavaran pradushan par nibandh in hindi mein

पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध (pradushan par nibandh in hindi) अक्सर सभी परीक्षा में अलग-अलग शब्दो में पूछा जाता है। यहाँ हम हम 100, 250 और 500 शब्दों में पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध (Paryavaran pradushan par nibandh in hindi mein ) दे रहें है। 

pradushan par nibandh in hindi
pradushan par nibandh in hindi


500 शब्दों में पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध

भूमिका 

वर्तमान समय विज्ञान का है।  विज्ञान की वजह से ही आज दुनिया इतनी आधुनिक बन पायी है। हम बहुत से सुविधाओं का उपभोग करते है तथा जिस काम को करने में महीनों लगते थे, विज्ञान की सहायता से कुछ ही घंटो में पूरी हो जाती है। विज्ञान ने जहाँ हमें बहुत से सुख-सुविधाएँ वरदान के रूप में दिया है, वहीं इसके नकारत्मक पक्ष को देखे तो प्रदूषण जैसा अभिशाप भी मिला है। प्रदूषण आधुनिक विज्ञान की ही देन है। 

प्रदूषण का अर्थ  

जब पर्यावरण में अनावश्यक पदार्थ प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ दे और उसमें दोष आ जाए, तो इसे पर्यावरण प्रदूषण कहते है। प्रदूषण के कारण सभी सजीव को अनेक असुविधाओं का सामना करना पड़ता है। साँस लेने के लिए ना शुद्ध हवा मिल पाती है, ना पीने को शुद्ध पानी, ना खाने को शुद्ध भोजन ही मिल पता है। वर्तमान समय में शांति वातावरण भी मिलना मुश्किल हो गया है। 

प्रदूषण के प्रकार   

जल प्रदूषण- उत्पादन करने वाले कारखाने बड़ी मात्रा में जल प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। रासायनिक पदार्थो से युक्त जल को कारखाने नदी-नालो में बहा देते है जिससे जल प्रदूषित हो जाता है। जब इस जल का सेवन कोई प्राणी या पेड़-पौधे के लिए करते है तो इसका भयानक परिणाम सामने आते है।  

वायु प्रदूषण - कारखानों से चौबीसों घंटे निकलने वाले धुंए तथा मोटर-वाहनों का हानिकारक धुंआ हर तरफ फैला हुआ है। यह रासायनिक धुआं जब साँसों के द्वारा फेफड़ों में जाते है तो परिणाम में असाध्य बीमारी ही मिलती है। इनके कारण शुद्ध हवा में साँस लेना दूभर हो गया है। शहरों में यह बहुत अधिक हानिकारक साबित होता है क्यूंकि वहां पेड़ों की संख्या हाँथो में गिनती के कुछ मात्रा में होते है।  

 ध्वनि प्रदूषण - प्राणी मात्र को ऊर्जा के सही प्रवाह के लिए शांत वातावरण चाहिए होता है, लेकिन यातायात वाहनों , कारखानों तथा लाउडस्पीकर की तीव्र ध्वनि के कारण यह अब संभव नहीं लगता। आज ध्वनि प्रदूषण के कारण ही बहरेपन तथा तनाव जैसे बिमारियों को जन्म हुआ है।  

मृदा प्रदूषण - मिट्टी जीवन की आधारभूत इकाई में से एक है। लेकिन आज-कल रासायनिक उर्वरकों, प्लास्टिक, घर निर्माण, औद्योगीकरण के कारण पेड़ों की अंधाधुन कटाई ने इसे भी प्रदुषित कर दिया। इसके परिणाम आज उपजाऊ जमीन बंजर हो चुकी है। 

प्रदूषण के कारण 

कल-कारख़ाने, वैज्ञानिक साधनों, मोटर-वाहनों का अत्यधिक उपयोग तथा पेड़ो की अंधाधुंध कटाई प्रदूषण के कुछ प्रमुख कारण है। पेड़ो की अत्यादिक कटाई के कारण ही आज मौसम चक्र बिगड़ गया है। प्राकृतिक संसाधनों का ज्यादा खनन भी प्रदूषण तेजी से बढ़ा है। 

प्रदूषण के परिणाम 

प्रदूषण के कारण पर्यावरण का संतुलन बिगड़ चूका है, वायुमंडल का तापमान लगातार बढ़ रहा है। बिगड़े मौसम चक्र के कारण समय पर वर्षा नहीं होती और ना ही सर्दी-गर्मी का कोई संतुलन बन रहा है। प्रदूषण के कारण ही मानव स्वस्थ काफी बिगड़ चूका है। प्रदूषण के कारण ही नई-नई बिमारियों का जन्म हो रहा है। कई प्राणी लुप्त हो चुके है तथा कई लुप्ति के कगार पर है। 

प्रदूषण रोकने के उपाय 

  • कल-कारखानों को आबादी से दूर लगाना चाहिए तथा इससे निकलने वाले हानिकारक अपशिष्टों को नष्ट करना चाहिए। 
  • जितना ज्यादा हो सके पेड़ लगाने चाहिए, ताकि हरियाली बनी रहे। 
  • ताप विद्युत् के बजाए हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) को बढ़ावा देना चाहिए। 
  • पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह विद्युत से चलने वाले वाहनों को प्राथिमिकता देनी चाहिए। 
  • निजी वाहनों के बजाए ज्यादा-से-ज्यादा सार्वजानिक परिवहनों का उपयोग करना चाहिए।  

250 शब्दों में पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध

आधुनिक विज्ञान ने जहाँ मानवों की जीवनशैली बेहतर और सुखी बनाया वहीं पर्यावरण प्रदूषण के रूप में भयानक परिणाम भी दिया है। प्रदूषण की समस्या को सहने के लिए अधिकांश लोग मजबूर है। 

जब प्राकृतिक संतुलन में दोष आ जाता है, उसे पर्यावरण प्रदूषण कहते है। आज जल, वायु, मृदा, तीव्र ध्वनि के कारण वातावरण सब प्रदूषित हो गया है। प्रदूषण कई प्रकार के होते है:

जल - आज शुद्ध जल के लिए बड़े-बड़े प्लांट लगाएँ गए है ताकि शुद्ध जल बोतलो में मिल सके क्यूंकि प्राकृतिक रूप जो शुद्ध जल हमें नदियों, झीलों और नहरों से प्राप्त होता था, उसे हमने प्रदूषित कर दिया है।

वायु - शहरी लोगों को आज खुले में साँस लेना काफी नई बीमारी को दावत देने के समान लगता है कारण वहां की वायु मोटर-वाहनों और कल-कारखानों के रासायनिक धुआँ से मिली हुई है। शहर के कई जगहों ने वायु शोधक यंत्र लगे हुए है, वायु थोड़े मात्रा में शुद्ध किया जा सके। 

ध्वनि - वर्तमान समय में ध्वनि प्रदूषण भी एक प्रमुख समस्या बन कर उभरी है। कारखानों, लाउडस्पीकर और वाहनों के तेज हॉर्न के कारण बहरेपन और तनाव की समस्या सभी में देखी जा रही है। 

मृदा - यह समस्या किसानों द्वारा खेती अत्यधिक रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक के प्रयोग, औद्योगीकरण के कारण पेड़ो की अंधाधुन कटाई और कारखानो से निकलने वाली हानिकारक पदार्थो से हुई है। 

महात्मा गाँधी जी कहा था "प्राकृतिक के पास सभी की जरूरते पूरा करने के लिए पर्याप्त साधन हैं, लेकिन किसी लालच को पूरा करने के लिए नहीं।" प्रदूषण की समस्या भी मानवों के अत्यधिक लालच का ही परिणाम है। 

प्रदूषण रोकने के उपाय 

  • जितना ज्यादा हो सके पेड़ लगाने चाहिए, ताकि हरियाली बनी रहे। 
  • ताप विद्युत् के बजाए हरित ऊर्जा (ग्रीन एनर्जी) को बढ़ावा देना चाहिए। 
  • निजी वाहनों के बजाए ज्यादा-से-ज्यादा सार्वजानिक परिवहनों का उपयोग करना चाहिए। 


100 शब्दों में पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध (Pradushan par nibandh 100 shabd )

वह सारी गतिविधियाँ जिससे पर्यावरण असंतुलन होता है, प्रदूषण कहलाता है। प्रदूषण कई प्रकार के होते है जैसे जल, वायु, मृदा, ध्वनि। प्रकृति के पास सभी की जरूरतो पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन है, परन्तु कुछ लोभी और स्वार्थी मानवों के लिए प्रदुषण जैसी समस्या हमारे सामने आयी है। 

प्रदूषण से सभी मानव और प्राणी जीवन प्रभावित किया है। प्रदूषण के कारण स्वस्थ में खराबी, मौसम चक्र में परिवर्तन तथा ग्लोबल वार्मिंग जैसी समस्या हमें आँखे दिखा रही है। 

यदि हम इन्सान अपनी आदतों में थोड़ा बदलाव कर अपने सुख-सुविधाओं से समझौता कर ले तो इसके भयानक प्रभाव से बचा जा सकता है। 


पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध (pradushan par nibandh in hindi) अक्सर सभी परीक्षा में अलग-अलग शब्दो में पूछा जाता है। यहाँ हम हम 100, 250 और 500 शब्दों में पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध (Paryavaran pradushan par nibandh in hindi mein ) दे रहें है। Pradushan par nibandh 100 shabd 

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